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Tuesday, January 31, 2012

Radha Krishna Arti - आरती प्रीतम प्यारी की





आरती प्रीतम प्यारी की, कि बनवारी नथवारी की

दुहुन सिर कनक मुकुट छलके

दुहुन श्रुति कुण्डल भल हलके

दुहुन दृग प्रेम सुधा छलके

चसीले बैन, रसीले नैन, गसीले सैन

दुहुन मैनन मनहारी की

कि बनवारी नथवारी की

आरती प्रीतम प्यारी की, कि बनवारी नथवारी की

दुहुनि दृग चितवनि पर वारी

दुहुनि लट लटिकनि छवि न्यारी

दुहुनि भौं मटकनि अति प्यारी

रसन मुख पान, हंसन मुस्कान, दसन दमकान

दुहुनि बेसर छवि न्यारी की

कि बनवारी नथवारी की

आरती प्रीतम प्यारी की, कि बनवारी नथवारी की

एक उर पीतांबर फहरे, एक उर नीलांबर लहरे

दुहुन उर लर मोतिन छहरे

कनकानन कनक, किंकिनी झनक, नुपुरन भनक

दुहुन रुन झुन धुनि प्यारी की

कि बनवारी नथवारी की

आरती प्रीतम प्यारी की, कि बनवारी नथवारी की

एक सिर मोर मुकुट राजे

एक सिर चूनर छवि साजे

दुहुन सिर तिरछे भल भ्राजे

संग ब्रजबाल, लाडली लाल, बांह गल डाल

‘कृपालु’ दुहुन दृग चारि की

कि बनवारी नथवारी की

आरती प्रीतम प्यारी की, कि बनवारी नथवारी की